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मुफलिस हालात

दूसरों की कहानी में, ख़ुद के क़िस्से ढूँढ रहा हूं,
टूट चुका हूं मैं, अपने बिखरे हिस्से ढूँढ रहा हूँ।

गुस्सा तो आता है, अपने मुफलिस हालात पर,
पर उम्मीद है कि अभी मोहरे शेष हैं बिसात पर।

ग़म का यह घना अंधेरा एक दिन छट जाएगा।
भरोसा है खुद पर कि अपना भी वक्त आएगा।

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1 Comments

Sonali negi

03-Jun-2021 03:16 PM

Nice

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